पहलगाम आतंकी हमले के पीछे टीआरएफ और लश्कर-ए-तैयबा का हाथ, सैफुल्लाह खालिद है मास्टरमाइंड

ख़बर शेयर करें -

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बायसरन घाटी में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है, जो पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी माना जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस हमले के पीछे जिस शख्स का नाम सामने आया है, वह है सैफुल्लाह खालिद, जो लश्कर का डिप्टी चीफ बताया जा रहा है।

कौन है सैफुल्लाह खालिद?
सैफुल्लाह खालिद को सैफुल्लाह कसूरी के नाम से भी जाना जाता है। वह लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख आतंकी कमांडरों में शामिल है और भारत में हुए कई बड़े आतंकी हमलों से उसका नाम जुड़ा रहा है। खालिद को लग्जरी कारों का शौक है और वह अत्याधुनिक हथियारों से लैस सुरक्षा घेरे में रहता है।

यह भी पढ़ें 👉  'शरबत जिहाद' टिप्पणी पर दिल्ली हाई कोर्ट ने लगाई रामदेव को फटकार, कहा– "इस बयान ने मेरी अंतरात्मा को झकझोर दिया"

पाक सेना से गहरे संबंध
रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि सैफुल्लाह खालिद के पाकिस्तानी सेना से बेहद करीबी रिश्ते हैं। इतना ही नहीं, पाक सेना के अधिकारी उसका फूलों से स्वागत करते हैं और वह सेना के जवानों को भारत के खिलाफ भड़काने का काम भी करता है। बताया जा रहा है कि हमले से दो महीने पहले वह पाकिस्तान के पंजाब स्थित कंगनपुर पहुंचा था, जहां पाकिस्तानी सेना के कर्नल जाहिद जरीन खट्टक ने उसे जिहादी भाषण देने के लिए बुलाया था।

आईएसआई और आतंकी संगठनों के साथ साजिश
सैफुल्लाह खालिद ने पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में आईएसआई और पाकिस्तानी सेना के साथ बैठक में कहा था, “मैं वादा करता हूं कि 2 फरवरी 2026 तक हम कश्मीर को आजाद करवा लेंगे।” इस बैठक में बड़ी संख्या में हथियारबंद आतंकी भी मौजूद थे। बताया गया है कि वह पिछले साल एबटाबाद के जंगलों में हुए आतंकी ट्रेनिंग कैंप में भी शामिल था, जहां सैकड़ों युवाओं को टारगेट किलिंग के लिए प्रशिक्षित किया गया।

यह भी पढ़ें 👉  'शरबत जिहाद' टिप्पणी पर दिल्ली हाई कोर्ट ने लगाई रामदेव को फटकार, कहा– "इस बयान ने मेरी अंतरात्मा को झकझोर दिया"

TRF की पृष्ठभूमि
टीआरएफ की शुरुआत पुलवामा हमले (14 फरवरी 2019) के आस-पास मानी जाती है। हालांकि, पांच अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद इस संगठन की गतिविधियों में तेजी आई। इसे पाकिस्तान के समर्थन प्राप्त अन्य आतंकी संगठनों और आईएसआई का भी सहयोग प्राप्त है।

Ad Ad
Ad