बेरोजगारी, महंगाई और वनाग्नि से जूझ रहा प्रदेश, विरोधी दल के नेता यशपाल सरकार पर बरसे
हल्द्वानी। प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी और जंगलों में बढ़ती अग्निकांड की घटनाओं को देखते हुए सरकार को विधान सभा का विशेष बुलाना चाहिए। उत्तराखंड में प्रचंड बहुमत प्राप्त करने वाली सरकार ने एक महीने का समय सूबे की दिशा और दशा तय करने के बजाए मुख्यमंत्री को उपचुनाव लड़ाने की रणनीति में ही गंवा दिया। जिस कारण से प्रदेश में अराजकता की स्थिति पैदा हो गई है। यह बात नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने पत्रकार वार्ता के दौरान कही। शनिवार को काठगोदाम स्थित सर्किट हाउस में मीडिया से रूबरू होते हुए यशपाल ने कहा कि उत्तराखंड में कांग्रेस एक मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाएगी। कांग्रेस जनविरोधी नीतियों का जमकर विरोध करेगी। जन समस्याओं के निस्तारण के लिए कांग्रेस सड़क से लेकर सदन तक आवाज बुलंद करेगी और सरकार को चैन से नहीं बैठने देगी।
उन्होंने सरकार के एक माह के कार्यकाल को निराशाजनक करार देते हुए सरकार से बेरोजगारी, महंगाई बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि सरकार की एक महीने की उपलब्धि सिर्फ इतनी है कि वह सीएम को चुनाव लड़ाने के लिए एक अदद सीट तलाशती रही। यशपाल आर्य ने कहा कि पूरे प्रदेश में अराजकता का माहौल है। जनता पेयजल और बिजली संकट से जूझ रही है, वहीं सरकार के मंत्री सैर सपाटों और अभिनंदन कार्यक्रमो में खुद का स्वागत कराने में लगे हुए हैं। उनका जन समस्याओं से कोई लेना देना नहीं है। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि सूबे के जंगल आग से धधक रहे हैं लेकिन सूबे के वन मंत्री मुंबई से आग बुझाने की बात कर रहे हैं। बेरोजगारी चरम पर पहुंच चुकी है। डबल इंजन सरकार सेना की भर्ती नहीं करना चाहती है। को-आपरेटिव भर्ती भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। उन्होंने वृद्धावस्था पेंशन को हास्यास्पद करार दिया। वार्ता के दौरान विधायक सुमित हृदयेश, पूर्व विधायक संजीव आर्य, प्रदेश महामंत्री महेश शर्मा, जिलाध्यक्ष सतीश नैनवाल, महानगर अध्यक्ष राहुल छिम्वाल आदि थे।