Uttarakhand: सीएम धामी ने कहा- समझ सकता हूं शहीदों के परिवारों की पीड़ा, कभी नहीं भूल सकते गोलीकांड का दर्द

ख़बर शेयर करें -

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड की नींव रखने वाले शहीद राज्य आंदोलनकारियों ने राज्य निर्माण के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। शहीद आंदोलनकारियों ने बहनों की राखियों व मां की ममता को छोड़कर राज्य निर्माण में सर्वाेच्च बलिदान दिया। उत्तराखंड की जनता इन वीर शहीदों की हमेशा ऋणी रहेगी। उनकी शहादत के परिणामस्वरूप ही उत्तराखंड का गठन हुआ।

खटीमा गोलीकांड की 30वीं बरसीं पर रविवार को शहीद स्मारक स्थल पर मुख्यमंत्री धामी ने शहीद राज्य आंदोलनकारियों भगवान सिंह सिरौला, प्रताप सिंह, रामपाल, सलीम अहमद, गोपीचंद, धर्मानंद भट्ट और परमजीत सिंह की मूर्तियों पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। साथ ही शहीदों के परिजनों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया।

यह भी पढ़ें 👉  कल से उत्तराखंड में मौसम के बड़े बदलाव की संभावना, कड़ाके की ठंड देने वाली है दस्तक

मुख्यमंत्री ने कहा कि आंदोलनकारियों ने स्वयं का बलिदान इसलिए दिया कि उत्तराखंड अलग राज्य बनकर सच्चे अर्थाें में उनके सपनों को पूरा कर सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वयं एक आंदोलनकारी होने के नाते वह आंदोलनकारियों के परिवार की पीड़ा समझ सकते हैं। गोलीकांड को याद कर आज भी खटीमावासियों सहित पूरे उत्तराखंड के लोगों का दिल सहम जाता है। राज्य निर्माण के लिए सबसे पहली शहादत खटीमा की धरती पर दी गई थी। इस शहादत के फलस्वरूप हम पृथक राज्य के रूप में अपनी अलग पहचान बना पाए।

यह भी पढ़ें 👉  nainital--कालाढूंगी में हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ताओं ने मांस से भरी पिकअप को पकड़ा, गाड़ी में तोड़फोड़ कर युवक को बेरहमी से पीटा

धामी ने कहा कि एक सितंबर 1994 को घटित खटीमा गोलीकांड का दर्द हम कभी नहीं भूल सकते, लेकिन हमें यह भी याद रखना है कि आखिर क्यों लोगों ने राज्य निर्माण के लिए अपना बलिदान दिया। इन महान लोगों ने अपना बलिदान केवल इसीलिए किया क्योंकि वह उत्तराखंड का सुनहरा भविष्य चाहते थे।

Ad Ad Ad
Ad