उत्तराखंड:-राज्य आंदोलनकारी मोहन पाठक ने लगातार अनदेखी से आहत हो कांग्रेस से इस्तीफे की घोषणा की
उत्तराखंड:- राज्य निर्माण के लिए संसद में पर्चा फेंकने,राज्य के युवाओं को स्थानीय उद्योगों ने 70 प्रतिशत रोजगार की गारंटी के लिए संघर्ष करने वाले कभी राज्य के चिकित्सालयों की बदहाली के लिए लड़ने वाले कुमायूँ विश्वविद्यालय छात्र महासंघ के अध्यक्ष रहे राज्य आंदोलनकारी मोहन पाठक ने आज कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफे का एलान किया है ।
मोहन पाठक ने अपने फेसबुक अकाउंट पर लिखा है कि वह कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देते हैं ।आज़ाद कलम ने मोहन पाठक से बात करने की कोशिश की लेकिन उनका फ़ोन बन्द स्विच ऑफ है ।
आपको बताते चलें मोहन पाठक लंबे समय से बेरोजगारी सहित राज्य की चिकित्सा व्यवस्था को लेकर चिंतित थे उन्होंने गत वर्ष कुमायूँ के हर जिले के पीएचसी से लेकर सीएचसी पर जाकर चिकित्सा की दुर्दशा का अवलोकन किया । उन्होंने हालिया कोविड के दौरान 200 से अधिक चिकित्सालयों का जायजा लिया और स्थानीय जागरूक लोगों के साथ धरना प्रदर्शन किया । लेकिन जिस तरह से इस मुद्दे पर उन्हें पार्टी का समर्थन चाहिए था वह शायद नहीं मिला । इधर चुनावों की घोषणा के बाद भी कांग्रेस भाजपा द्वारा राज्य की बेरोजगारी और बेहाल चिकित्सा व्यवस्था को लेकर कोई ठोस रोडमेप नहीं बनाए जाने और चुनावी मुद्दे में नजरंअंदाज किए जाने से वह छुब्ध थे । साथ ही उनके जेहन में इस बात की टीस भी कि सतारुढ़ दल धनबल के बल पर ठेकेदार टाइप लोग ही विधानसभा की चौखट तक पहुचने में कामयाब हो रहे हैं । जबकि संघर्ष करने वाले की अनदेखी की जा रही है