उत्तराखण्ड की आबकारी नीति को हाईकोर्ट में चुनौती, प्रदेश सरकार को देना पड़ेगा जवाब
नैनैनीता। हाईकोर्ट ने प्रदेश की आबकारी नीति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ ने यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए हैं। साथ मे कोर्ट ने सरकार से 10 अप्रैल तक जवाब पेश करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 13 अप्रैल की तिथि नियत की है। मामले के अनुसार पिरूमदारा निवासी विकास चन्द्र ने याचिक दायर कर कहा है कि सरकार ने 22 मार्च को नई आबकारी नीति घोषित की है। जिसे 1 अप्रैल से लागू होना है।
25 मार्च सरकार ने विज्ञप्ति जारी कर कहा कि पुराने लाइसेंस धारी 29 मार्च तक अपने दुकानों का रिनुअल करा लें इसके बाद जिन दुकानों का रिनुअल नही होता उनका आबंटन 31 मार्च को लॉटरी सिस्टम से किया जाएगा। याचिका में यह भी कहा गया कि आबकारी नीति का क्लॉज 5.3 व 6.3 देशी व अंग्रेजी शराब के लिए अलग अलग नीति है। देशी शराब के लिए प्रति बोतल 270 रुपये गांरटी डियूटी तय की गई जबकि अंग्रेजी शराब के लिए अभी तक यह तय नहीं हुआ है। इसलिए वे किस आधार पर दुकानों का रिनुअल करें। सरकार ने उन्हें रिनुअल का समय भी कम दिया है। वहीं दुकानों के लॉटरी सिस्टम से आवंटन का समय भी कम दिया। 29 को रिनुअल 30 को अवकाश 31 दुकानों का लॉटरी से आबंटन है। सरकार ने उन्हें एक दिन का समय तक नही दिया। खुद सरकार ने अभी रेट तक तय नही किए। इसलिए इस पर रोक लगाई जाए।