निकाय चुनाव में 60 परसेंट टिकट मुस्लिमों को देकर मायावती ने चुनाव प्रचार से कन्नी काटी
राजनीति से बसपा सुप्रीमो मायावती लगातार दूर होती जा रही हैं। वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में तो मायावती ने पार्टी की जिम्मेदारियों से और भी किनारा कर लिया है। खबर है कि नगर निकाय चुनाव के प्रचार अभियान से बसपा सुप्रीमो मायावती दूर ही रहेंगी। वह किसी भी जिले में रैली नहीं करेंगी। इस बार पूरी जिम्मेदारी प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल और कोआर्डिनेटरों की रहेगी। वैसे भी बसपा प्रदेश अध्यक्ष के लिए यह चुनाव अग्निपरीक्षा है, क्योंकि वह पहला चुनाव करा रहे हैं। दूसरा, इसी से लोकसभा चुनाव में बसपा का भविष्य भी तय होगा।
पहले चरण के चुनाव के लिए नामांकन हो चुके हैं। वहीं, दूसरे चरण के नामांकन शुरू हो गए हैं। पहले चरण के लिए प्रत्याशियों की तस्वीर साफ हो गई है। बसपा ने महापौर पद पर 60 प्रतिशत मुस्लिम प्रत्याशी उतारकर अपनी मंशा स्पष्ट कर दी है। बसपा मुस्लिम-दलित समीकरण के सहारे ही इस मैदान में है। अब चुनाव के लिए प्रचारक भी तय होने शुरू हो गए हैं। बताया जा रहा है कि बसपा सुप्रीमो मायावती चुनाव में केवल मार्गदर्शन करेंगी और अपने यहां वार रूम बनाकर मॉनिटरिंग करेंगी। इसके अलावा पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा भी शायद ही किसी रैली में शामिल होंगे। दरअसल मिश्रा ने विधानसभा चुनाव में प्रदेश भर में सम्मेलन किए थे, पर उसका अपेक्षित परिणाम नहीं मिला था।