क्या हिन्दु क्या मुसलमान, तू रख ले व्रत मैं रख लूं रमज़ान, हल्द्वानी जेल में देखने को मिली भाईचारे की मिसाल
हल्द्वानी। मुसलमानों के लिए जहां रमज़ान साल का सबसे बड़ा पर्व होता है तो वहीं हिन्दुओं के लिए नवरात्रि का भी कम महत्व नहीं है। इत्तेफाक से इस साल नवरात्रि और रमज़ान एक साथ चल रहे हैं। मुसलमान रोज़ा रखकर अपने रब की इबादत कर रहे हैं और हिन्दु नवरात्रि का व्रत रखकर पूजा-अर्चना में व्यस्त हैं। हिन्दुस्तान की मज़हबी खूबसूरती का मंज़र तब और बढ़ जाता है जब हिन्दु रोज़ा रख ले और मुसलमान नवरात्रि का व्रत। कहते हैं अस्पताल हो या फिर जेल यहां पर किसी का कोई मज़हब नहीं होता। हिन्दु-मुस्लिम कैदियों ने हल्द्वानी जेल में आपसी भाईचारे की एक नई मिसाल पेश की है। इन दिनों नवरात्र और रमजान का पाक महीना दोनों साथ-साथ चल रहे हैं। जेल में भी माहौल भक्ति रंग से सराबोर है। एक तरपफ अल्लाह की इबादत करने वाले रोजेदार हैं तो दूसरी तरपफ माता का व्रत रखने वाले व्रती। जेल प्रशासन ने इनके लिए खास इंतजाम भी किए हैं।
यहां कैदी अपने गुनाह की माफी ईश्वर की इबादत कर मांग रहे हैं, जेल में न कोई हिंदू है न कोई मुसलमान। यहां सब इंसान नजर आ रहे हैं। ये वे इंसान हैं जो गुनाह तो जाने-अनजाने कर चुके हैं, लेकिन अब पछतावा है। ये अब अपने किए की माफी और परिवार तथा अपनों के लिए खुशियां मांग रहे हैं। जेल में व्रतियों और रोजेदारों के लिए अलग-अलग भोजन की व्यवस्था की गई है। बिना लहसुन, प्याज का खाना एक तरफ तो दूसरी ओर इफ्तार के लिए जूस, फल, बन, दूध आदि की व्यवस्था की गई है। यहां जेल में बंद कैदियों में 230 रोजेदार तो वहीं 210 व्रती हैं, इनमें भी खास बात यह है कि दो हिंदुओं ने रोजा रखा है और एक मुस्लिम माता की उपासना में व्रत ले रहा है।
हत्या के एक मामले में जेल में बंद अल्ली खान मोहल्ला काशीपुर निवासी सलमान पुत्र हसीन ने इस बार नवरात्र के व्रत रखे हैं, जबकि कवि नगर काशीपुर निवासी शुभम उपाध्याय पुत्र अरविंद उपाध्याय ने रोजा रखा है। वह पॉक्सो एक्ट में सजा काट रहा है। इसके अलावा जेल में 354 पॉक्सो एक्ट में बंद मदन परिहार पुत्र बिशन सिंह परिहार निवासी नैनीताल ने भी अल्लाह की इबादत में रोजे रखे हैं। जेल अधीक्षक प्रमोद कुमार पांडे ने बताया कि इन सभी लोगों ने अपनी मर्जी से व्रत और रोजे रखे हैं और इनकी कौमी एकता या यूं कहें कि गंगा-जमुनी तहजीब को बरकरार रखने की इस मुहिम की हर कोई दाद दे रहा है।