कौन हैं संध्या मुख़र्जी जिन्होंने पद्म श्री पुरस्कार ठुकराया

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आपको बता दें कि संध्या मुखर्जी ने 60 और 70 के दशक में हजारों बंगाली गाने गाए थे। साथ ही उन्होंने दर्जनों भाषा में भी गाने गाकर संगीत जगत में अपनी अमिट छाप छोड़ी है। संध्या मुखर्जी को साल 2001 में पश्चिम बंगाल सरकार ने अपने सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार बंगा विभूषण से सम्मानित किया था। साल 1970 में संध्या मुखर्जी ‘जय जयंती’ गाने के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित हुई थीं।

सौमी सेनगुप्ता ने कहा, ’90 साल की उम्र में, लगभग आठ दशकों से ज्यादा के सिंगिंग करियर के बाद उन्हें पद्म श्री के लिए चुना जाना उनके लिए अपमानजनक है।’ इसके साथ ही सौमी सेनगुप्ता ने यह भी अपील की है कि संध्या मुखर्जी के पद्म श्री पुरस्कार स्वीकार न करने को राजनीतिक रूप न दें।

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