पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की रणभेरी कभी भी
यूपी समेत पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की रणभेरी कभी भी बज सकती है। देशभर में कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच निवार्चन आयोग चुनाव की तारीखों के एलान के साथ ही बड़ी रैलियों और रोड शो पर रोक लगा सकता है। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले नई मतदाता सूची जारी की गई है। यूपी में 52 लाख 80 हजार 882 नए मतदाता जोड़े गए हैं। हालांकि चुनाव आयोग ने विकल्प खुला रखा है कि यदि किसी मतदाता का नाम सूची में छूट गया है, तो वह नामांकन की अंतिम तारीख से पहले अपना नाम मतदाता सूची में जुड़वा सकता है। पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर आयोग ने मंगलवार को भी इस मुद्दे पर बैठक की थी। चुनाव आयोग में बुधवार को भी दिन भर बैठकों का दौर चला। सूत्रों के मुताबिक, कोरोना के चलते मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की संख्या कम की जा सकती है। अभी हर बूथ पर 1000 से 1500 मतदाता हैं। आयोग मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ा चुका है।
आयोग चाहता है जल्द हो चुनाव कार्यक्रमों की घोषणा
कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए चुनाव आयोग जल्द से जल्द चुनाव कार्यक्रमों की घोषणा करने के पक्ष में है। इससे चुनावी राज्यों में राजनीतिक दलों की ओर से हो रही बड़ी रैलियों और भीड़भाड़ वाले आयोजनों पर जल्द अंकुश लग सकेगा। यदि चुनाव की घोषणा में कुछ देरी होती है, तब भी आयोग कोरोना से जुड़े दिशा-निर्देशों को सख्ती से लागू कराने और भीड़ पर लगाम लगाने का काम कर सकता है। यह इसलिए भी जरूरी है यदि जल्द सख्त न बरती गई तो इन सभी राज्यों में कोरोना का संक्रमण और तेज हो सकता है। वैसे भी सभी चुनावी राज्यों में कोरोना के संक्रमितों की संख्या अचानक से बढ़ गई है। ऐसे में रैलियों और भीड़ भरे आयोजनों पर रोक नहीं लगी तो स्थिति गंभीर होगी।
चुनाव आयोग में दिन भर बैठकों का दौर
इस बीच चुनाव आयोग में बुधवार को दिन भर बैठकों का दौर चला। वरिष्ठ अधिकारियों की सक्रियता से साफ है कि चुनाव की घोषणा में अब और देरी नहीं होगी। इस बीच चुनाव आयोग ने मणिपुर की चुनाव तैयारियों की भी समीक्षा की। सूत्रों की मानें तो आयोग इस हफ्ते कभी भी चुनावों की घोषणा कर सकता है। वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश सहित इन पांचों राज्यों के विधानसभा चुनाव की घोषणा चार जनवरी को हुई थी।