मुख्यमंत्री पुष्कर धामी का ड्रीम प्रोजेक्ट संकट में, सौर स्वरोजगार योजना के लाभार्थी बैंक किस्तों में फंसे

यूपीसीएल की लापरवाही बनी परेशानी का कारण

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चंपावत। मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना चंपावत जिले में लाभार्थियों के लिए भारी संकट का कारण बनती जा रही है। भारी बिजली कटौती और यूपीसीएल की लापरवाही के चलते सोलर पावर प्लांट से उत्पादन लगभग ठप हो गया है, जिससे ग्रामीण लाभार्थी बैंक की भारी-भरकम किस्तें चुकाने में असमर्थ हो गए हैं।

चंपावत जिले के गड़कोट, नरियाल गांव, भगीना भंडारी और नरसिंह डांडा क्षेत्र में कई ग्रामीणों ने स्वरोजगार की उम्मीद में सोलर पावर प्लांट लगाए थे। योजना के तहत उन्होंने बैंकों से ऋण लेकर प्लांट स्थापित किए, जिनकी मासिक किस्त करीब 1 लाख 10 हजार रुपये है। लेकिन बिजली लाइन न होने से उन्हें परेशानी उठानी पड़ रही है।

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ग्रामीणों का आरोप है कि यूपीसीएल (उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड) ने लगभग 18 महीने पहले टेक्निकल फिजिबिलिटी रिपोर्ट (टीएफआर) तैयार कर ली थी, ताकि इन क्षेत्रों में बिजली की लाइन बिछाई जा सके। इसके बावजूद आज तक बिजली की लाइन नहीं बिछाई गई, जिससे सोलर प्लांट पूरी तरह से चालू नहीं हो पाए। सोलर प्लांट लगा चुकीं गीता देवी, कुसुम फर्त्याल, बीना बेलवाल और विजय लक्ष्मी लोहनी ने बताया कि उन्होंने इस योजना के तहत आत्मनिर्भर बनने के लिए कड़ी मेहनत की।

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लेकिन यूपीसीएल की उदासीनता के कारण उन्हें न तो उत्पादन का लाभ मिल पा रहा है और न ही आय का कोई साधन बचा है। हालात ऐसे हो गए हैं कि बैंक की किस्तें भरना उनके लिए बेहद मुश्किल हो गया है। लाभार्थियों का कहना है कि यदि जल्द बिजली लाइन बिछाकर समस्या का समाधान नहीं किया गया तो वे आर्थिक रूप से पूरी तरह टूट जाएंगे। ग्रामीणों ने सरकार और संबंधित विभाग से तत्काल हस्तक्षेप कर योजना को बचाने और उन्हें राहत देने की मांग की है।

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