हल्द्वानी के बनभूलपुरा रेलवे प्रकरण पर हाईकोर्ट में सुनवाई, याचिकाकर्ताओं के तर्क से कोर्ट सहमत….

नैनीताल। उत्तराखंड हाई कोर्ट ने हल्द्वानी के बनभूलपुरा में रेलवे की भूमि पर काबिज लोगों द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायधीश की खण्डपीठ ने मामले की सुनवाई कर रही दूसरी पीठ को सुनने के लिए भेज दिया है। मामले में आज काबिज लोगों की तरफ से प्रार्थना पत्र देकर कहा गया कि उनके मामलों में कोर्ट के आदेश के बाद पीपी एक्ट में सुनवाई नहीं हो रहे हैं। इसलिए उनके मुकदमे पीपी एक्ट में सुने जाने के लिए आदेश दिए जाएं। जिसमे याचिकाकर्ता द्वारा कोर्ट को बताया कि यह मामला दूसरी खण्डपीठ में विचाराधीन है। इसलिए इसपर सुनवाई करने हेतु उसी पीठ को भेजा जाए। खण्डपीठ ने याचिकाकर्ता के तर्क से सहमत होकर मामले की सुनवाई कर रही पीठ को भेज दिया है।
मामले के अनुसार 9 नवम्बर 2016 को हाईकोर्ट ने रविशंकर जोशी की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए 10 हफ्रतों के भीतर रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि जितने भी अतिक्रमणकारी हैं उनको रेलवे पीपीएक्ट के तहत नोटिस देकर जनसुवाइयां करें। रेलवे की तरपफ से कहा गया कि हल्द्वानी में रेलवे की 29 एकड़ भूमि पर अतिक्रमण किया गया है जिनमें करीब 4365 लोग मौजूद है। हाई कोर्ट के आदेश पर इन लोगो को पीपीएक्ट में नोटिस दिया गया। जिनकी रेलवे ने पूरी सुनवाई कर ली है। किसी भी व्यक्ति के पास जमीन के वैध कागजात नही पाए गए। इनको हटाने के लिए रेलवे ने जिला अधिकारी नैनीताल से दो बार सुरक्षा दिलाए जाने हेतु पत्रा दिया गया। जिसपर आज की तिथि तक कोई प्रतिउत्तर नहीं दिया गया। जबकि दिसम्बर 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को दिशा निर्देश दिए थे कि अगर रेलवे की भूमि पर अतिक्रमण किया गया है तो पटरी के आसपास रहने वाले लोगों को दो सप्ताह और उसके बाहर रहने वाले लोगों को 6 सप्ताह के भीतर नोटिस देकर हटाएं ताकि रेवले का विस्तार हो सके।
