मणिपुर में महिलाओं को नग्न कर घुमाने पर आगबबूला हुए चीफ जस्टिस, सरकार को दो टूक

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मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न कर घुमाने के मामले का सुप्रीम कोर्ट ने भी संज्ञान लिया है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि मणिपुर में महिलाओं के साथ जो हुआ वह पूरा तरह अस्वीकार्य है। सरकार इस पर तुरंत कार्रवाई करे। कोर्ट ने कहा कि अगर सरकार इस पर कार्रवाई नहीं करती है तो हम करेंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सांप्रदायिक टकराव के क्षेत्र में महिलाओं को किसी चीज की तरह इस्तेमाल करना संविधान का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि घटना का जो वीडियो वायरल हो रहा है, वह काफी परेशान करने वाला है। सीजेआई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने कहा कि हम सरकार को थोड़ा समय दे रहे हैं। अगर आगे जमीन पर कुछ नहीं होता है तो हम खुद कार्रवाई करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और मणिपुर सरकार को निर्देश दिया कि इस घटना के जिम्मेदारों के खिलाफ जो भी कार्रवाई हो, उसके बारे में कोर्ट को पूरी जानकारी दी जाए।

मीडिया में जो भी इस घटना के बारे में दिखाया गया और इस हिंसा के बीच महिलाओं का इस्तेमाल संवैधानिक लोकतंत्र की भावनाओं के खिलाफ है। केंद्र सरकार और राज्य सरकार इस बारे में सभी कदमों की जानकारी दे। सीजेआई ने इस मामले की सुनवाई अगले शुक्रवार तक टाल दी। दरअसल, मणिपुर इन दिनों जातीय हिंसा की चपेट में है, लेकिन अब एक वीडियो को लेकर मणिपुर के पहाड़ी इलाकों में तनाव फैल गया है, जिसमें दो महिलाओं को नग्न करके घुमाया जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक यह वीडियो चार मई का है और दोनों महिलाएं कुकी समुदाय से हैं, वहीं जो लोग महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमा रहे हैं वो सभी मैतई समुदाय से हैं।

आदिवासी संगठन इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। पुलिस ने बताया कि अज्ञात हथियारबंद बदमाशों के खिलाफ थौबल जिले के नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन में अपहरण, सामूहिक दुष्कर्म और हत्या का मामला दर्ज किया गया है।

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