सुशीला तिवारी अस्पताल में बस हादसे के घायलों से मिलने पहुंचे सीएम, पूछी कुशलक्षेम
हल्द्वानी। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को सुशीला तिवारी अस्पताल में पहुंचकर भीमताल-हल्द्वानी मार्ग पर हुई बस दुर्घटना में घायल हुए लोगों से मुलाकात की और उनका हालचाल जाना। इस दौरान उन्होंने अस्पताल प्रशासन को निर्देश दिए कि घायलों को बेहतर उपचार मुहैया कराया जाए। साथ ही मुख्यमंत्राी ने कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत को पर्वतीय क्षेत्रों में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सघन चेकिंग अभियान चलाने का आदेश भी दिया। मुख्यमंत्राी पुष्कर सिंह धामी ने अपनी हल्द्वानी यात्रा के दौरान सबसे पहले सुशीला तिवारी अस्पताल का रुख किया, जहां उन्होंने भीमताल-हल्द्वानी मार्ग पर हुए सड़क हादसे में घायल लोगों से मुलाकात की। सीएम ने घायलों के स्वास्थ्य के बारे में पूछा और अस्पताल के अधिकारियों से उपचार की पूरी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि घायलों को हर संभव मदद दी जाएगी, और जो गंभीर रूप से घायल हैं, उन्हें आवश्यकता अनुसार हायर सेंटर रेपफर किया जाएगा। सीएम धामी ने घायलों के परिजनों से भी मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी। साथ ही उन्होंने इस घटना में मृतकों के परिजनों के लिए 10 लाख रुपये की सहायता राशि देने का ऐलान किया। इसके अलावा गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों को 3 लाख रुपये और सामान्य रूप से घायल व्यक्तियों को 15,000 से 25,000 रुपये तक की सहायता दी जाएगी। मुख्यमंत्राी ने सड़क सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पर्वतीय इलाकों में लगातार हो रही सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए अब सघन चेकिंग अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों से आने वाली गाड़ियों के लाइसेंस और दस्तावेजों की जांच के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। इसके अलावा, मुख्यमंत्राी ने कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत को सड़क दुर्घटनाओं पर काबू पाने के लिए जिम्मेदारी सौंपते हुए कहा कि वे सभी संबंधित विभागों से समन्वय करके इस मामले की देखरेख करेंगे। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि सड़क सुरक्षा और हादसों की रोकथाम के लिए सरकार समर्पण के साथ काम कर रही है और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ऐसी दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो। सीएम ने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों में सड़क हादसों को रोकने के लिए यातायात नियंत्राण को सख्त किया जाएगा और सभी स्तरों पर सुधार किया जाएगा। इस अवसर पर जिलाधिकारी पुलिस विभाग और सड़क सुरक्षा से जुड़े अधिकारियों के अलावा अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।