इंडिया को भारत करा तो 80 करोड़ लोगों का एक साल का राशन खा जायगा “कागज़”

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आज़ाद कलम:- साल 2018 में यूपी सरकार ने इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया था. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के हवाले से बताया गया कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार इलाहाबाद का नाम बदलने पर राज्य सरकार को 300 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च आया था.

डैरेन ओलिवियर के इसी मॉडल की मदद से भारत के लिए होने वाले खर्च का पता लगाया जा सकता है. भारत का नाम बदलने की प्रक्रिया में होने वाला खर्च कितना बड़ा है, ये एक उदाहरण से समझ सकते हैं. केंद्र सरकार 80 करोड़ भारतीय नागरिकों के लिए खाद्य सुरक्षा में जितना खर्च करती है, नाम बदलने में उतना खर्च होने का अनुमान है.

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आउटलुक की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2023 में खत्म हुए वित्तीय वर्ष के लिए भारत की राजस्व प्राप्ति 23 लाख 84 हजार करोड़ रुपये थी. माने सरकार ने जो टैक्स और गैर-टैक्स वाला राजस्व यानी रेवेन्यू हासिल किया वो. राजस्व के इस आंकड़े के आधार पर ‘ओलिवियर मॉडल’ के मुताबिक भारत का नाम बदलने की प्रक्रिया में लगभग 14 हजार 304 करोड़ रुपये का खर्च आएगा.

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