देहरादून में लोगों को सांस लेने की परेशानी से मचा हड़कंप, गैस रिसाव का मामला सामने आया है, घर खाली करवाए जा रहे हैं

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उत्तराखंड के देहरादून में क्लोरीन गैस के रिसाव का मामला सामने आया है। झाझरा में हुए गैस रिसाव के चलते आसपास के लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है। पुलिस ने आसपास के घरों को खाली करवा दिया है। खबर लिखे जाने तक गैस के रिसाव को रोकने के प्रयास किए जा रहे थे।

जानकारी के मुताबिक झाझरा में एक खाली प्लॉट पर सालों से क्लोरीन के 5 सिलेंडर पड़े हुए थे। जिसमें लीकेज की सूचना मिली। सूचना मिलने के बाद घटनास्थल पर एसएसपी अजय सिंह सहित स्थानीय पुलिस, फायरकर्मी और एसडीआरएफ की टीम पहुंची। रिसाव को रोकने के लिए सिलेंडरों को गड्ढा खोदकर उसमें दबाया जा रहा है।

ग्राम प्रधान पिंकी देवी ने बताया कि ‘घटनास्थल से बदबू आ रही थी। हवा जहरीली हो रही है और सबको सांस लेने में तकलीफ हो रही है। बच्चों और मवेशियों को सांस लेने में दिक्कतें आ रही हैं। पिंकी देवी ने बताया कि जिस जगह पर सिलेंडर रखे थे उस जमीन के मालिक को भी उन्होंने फोन कर घटना की जानकारी दी थी। जमीन मालिक को बताया गया कि आपके प्लॉट पर गैस रिसाव हो रहा है। लेकिन उन्होंने कोई कदम नहीं उठाया। इसके बाद मैंने एसओ साहब को इसकी जानकारी दी।

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देहरादून के एसएसपी अजय सिंह ने कहा कि सुबह के 3 बजे गैस लीक की सूचना मिली थी। एक गार्ड ने इसकी सूचना दी थी। पुलिस जब मौके पर पहुंची तो देखा कि एक खाली प्लॉट में क्लोरीन के 5 सिलेंडर पड़े हैं। आसपास में कॉलोनी है और लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। इसलिए सबसे घर खाली करवा कर उन्हें सेफ जगह पर भेज दिया गया। जानकारी दी कि सारे सिलेंडर घटनास्थल से दूर ले जाकर डिसपोज किये जा रहे हैं। घटना में जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ है। लेकिन लोगों को सांस की दिक्कतें आ रही थीं। इसलिए मास्क का वितरण किया गया। सभी को सूचना दे दी गई है कि सभी लोग घरों के अंदर ही रहें।

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कितनी जहरीली होती है क्लोरीन
क्लोरीन गैस स्वास्थ्य को हानि पहुंचाती है। आमतौर पर इसका प्रयोग कीटनाशक की तरह किया जाता है। धुलाई में इसे ब्लीचिंग एजेंट के रूप में भी उपयोग किया जाता है। यदि लंबे समय तक इसके संपर्क में रहा जाए तो इसका स्वास्थ्य पर गहरा असर पर पड़ सकता है। इसकी तेज गंध आंख, त्वचा और श्वसन तंत्र को नुकसान पहुंचाती है।

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