यूपी में सियासी चर्चाओं ने फिर से पकड़ा जोर, विपक्ष को ज़ोर का एक और झटका देने वाले हैं योगीजी 

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उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर से हलचल होने की समभावना जताई जारही है। राष्ट्रीय लोकदल के विधायकों ने बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की। ऐसा पहली बार हुआ है जब रालोद विधायक एक साथ सीएम से मिले हैं। ऐसे में सियासी चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। कहा जा रहा है कि राज्यसभा में दिल्ली बिल पर हुई वोटिंग में पहले रालोद प्रमुख जयंत चौधरी गायब रहे। अब विधायक सामूहिक रूप से सीएम से मिले। इस घटनाक्रम के सियासी मतलब निकाले जा रहे हैं।

सियासी गलियारों में पहले ही जयंत के बीजेपी के साथ जाने की अटकलें चल रही हैं। ऐसे में जयंत वोटिंग में नहीं पहुंचे तो इन अटकलों को और बल मिलने लगा। चर्चा है कि जयंत भाजपा आलाकमान के संपर्क में हैं। इधर बुधवार को रालोद के नौ में से आठ विधायक सीएम से मिले। केवल गुलाम मोहम्मद शामिल नहीं हो पाए क्योंकि, उस समय सदन में उनका प्रश्न लगा था। हालांकि रालोद विधायक कहते हैं कि वे प्रदेश में बाढ़ से हुए नुकसान का मुआवजा देने, बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान करने, गन्ना मूल्य में वृद्धि करने, किसानों को फ्री बिजली देने जैसे मामलों पर सीएम से मिले थे।

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