हल्द्वानी में ध्वस्तीकरण पर उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने दस दिन की रोक लगाई

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नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हल्द्वानी स्थित ओके होटल तथा होटल हैप्पी होम समेत अन्य सम्पत्ति को तोड़ने पर रोक लगा दी है। अब आगामी 10 दिन तक इनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जा सकेगी। न्यायमूर्ति पकंज पुरोहित की शीतकालीन पीठ ने चार याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए 5 फरवरी सोमवार को यह आदेश पारित किया। होटल हैप्पी होम तथा ओके होटल तथा सनप्रीत सिंह और नरेन्द्र सिंह भसीन की ओर से अलग-अलग याचिका दायर कर हल्द्वानी नगर निगम के 8 जनवरी 2024 के उस आदेश को चुनौती दी गयी जिसमें नगर निगम की ओर से उपरोक्त संपत्तियों के कुछ हिस्सों को अवैध मानते हुए गिराने के आदेश पारित कर दिये गये थे। याचिकाकर्ताओं की ओर से याचिका में कहा गया कि नगर निगम ने उनके प्रत्यावेदन पर सुनवाई नहीं की है।

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याचिकाकर्ताओं ने सोमवार को सुनवाई के दौरान अदालत को बताया कि सिटी मजिस्ट्रेट और नगर आयुक्त की अगुवाई में गठित कमेटी ने विगत 03 पफरवरी शनिवार को उनकी प्रत्यावेदन पर सुनवाई के बाद उनकी संपत्तियों को गिराने के आदेश पारित कर दिये। याचिकाकर्ताओं की ओर से अदालत से 03 फरवरी शनिवार के आदेश को चुनौती देने के लिये समय की मांग की गयी। अदालत ने ओके होटल, होटल हैप्पी होम और नरेन्द्र सिंह भसीन के मामले में 10 दिन की मोहलत देते हुए फिलहाल विध्वंस की कार्यवाही पर रोक लगा दी। याचिकाकर्ताओं को 10 दिन के अंदर कमेटी के 03 फरवरी शनिवार के आदेश को चुनौती देने को कहा है साथ ही निगम को तब तक कोई कार्यवाही नहीं करने को कहा है। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता अधिवक्ता सनप्रीत सिंह के प्रत्यावेदन पर 7 दिन के अंदर कार्यवाही करें और विपरीत निर्णय की स्थिति में याचिकाकर्ता को निर्देश दिया कि वह 10 दिन के अंदर कमेटी के आदेश को चुनौती दे सकता है। तब तक नगर निगम कोई कार्रवाई नहीं कर सकेगा।

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