दस लाख पार का नारा और डेढ़ लाख से जीत, मोदी को कड़ी टक्कर देने वाले अजय राय हारकर भी खुश, क्या दी प्रतिक्रिया ?

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वाराणसी लोकसभा सीट से भले ही जीत की हैट-ट्रिक लगाई है, लेकिन उनकी जीत का अंतर कम हो गया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष एवं आइएनडीआइए प्रत्याशी अजय राय ने कड़ी टक्कर दी और 1.52 लाख वोटों से हारे।

अजय राय को 4,79,505 वोट मिले। परिणाम आने के बाद अजय राय ने कहा कि सत्ता बल की धौंस और भारी धनबल के बावजूद काशी की जनता ने जितना आशीर्वाद उन्हें दिया, वह सत्ता के शीर्ष दुर्ग के खिलाफ नैतिक जीत है।

अजय राय ने कहा कि काशी ने जिस तरह दस लाख पार के दंभी नारे को औंधे मुंह कर उन्हें भारी जनसमर्थन दिया, वह हार में भी जीत है। वह और आइएनडीआइए के समस्त दलों के उनके साथी इस लोकतांत्रिक युद्ध में निहत्थे पैदल थे। दूसरी ओर सत्ता की चकाचौंध एवं संसाधनों का सैलाब था।
मंत्रियों से लेकर राज्यपालों तक की फौज उनके खिलाफ काशी में घर-घर घूम रही थी। धन एवं सत्ता शक्ति के जबर्दस्त निवेश के बावजूद संकीर्ण जीत पाने में शीर्ष सत्ता नायक के दांत काशी की जनता ने खट्टे कर दिए।

उन्होंने कहा आइएनडीआइए गठबंधन के जांबाज कार्यकर्ता साथियों के साथ वाराणसी की जनता ने उनका चुनाव खुद को अजय राय मानकर लड़ा। वह इस विश्वास का ऋणी रहेंगे। उप्र की जनता ने चार लाख मतों से राहुल गांधी को जिताकर और भारी अपव्यय के बाद भी नरेन्द्र मोदी को डेढ़ लाख वोटों से जीतने में पसीने छुड़ाकर सिद्ध कर दिया कि राहुल गांधी बड़े जननायक हैं। अयोध्या में भाजपा की हार ने साबित कर दिया कि धार्मिक भावनाओं का राजनीतिक इस्तेमाल लोकतंत्र को अमान्य है।

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