अचानक होने वाली मौतों से कोरोना वैक्सीन का लेना देना नहीं, सरकार ने अचानक मौत की जो वजह बताई वो जान लीजिए
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने राज्यसभा में कोरोना वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स पर केंद्र सरकार का जवाब दिया। उन्होंने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के हवाले से कहा कि कोरोना वैक्सीन लगाने से भारत में युवाओं और व्यस्कों में अचानक मृत्यु का खतरा नहीं बढ़ा है।
नड्डा के अनुसार, ICMR की स्टडी से यह स्पष्ट हुआ कि कोरोना वैक्सीन की एक या दो डोज के बाद बिना किसी कारण से अचानक मृत्यु की संभावना बहुत कम होती है। इस स्टडी में 18-45 वर्ष के सेहतमंद व्यक्तियों को शामिल किया गया था, जिनकी मृत्यु 1 अक्टूबर, 2021 से 31 मार्च, 2023 के बीच हुई थी।
अचानक क्यों मरने लगे लोग?
इस रिसर्च में कई ऐसे कारणों के बारे में बताया गया है जो अचानक मृत्यु के जोखिम को बढ़ाते हैं. ये कारण इस प्रकार हैं-
मृतक का कोविड-19 अस्पताल में भर्ती रहना.
परिवार में पहले किसी की अचानक मौत होना.
मृत्यु के 48 घंटे पहले अधिक मात्रा में शराब पीना.
मौत से 48 घंटे पहले अत्यधिक शारीरिक गतिविध, जैसे कि जिम में एक्सरसाइज.
नड्डा ने कहा कि कोरोना वैक्सीनेशन से इन मौतों का कोई कनेक्शन नहीं है। उन्होंने बताया कि वैक्सीनेशन के साइड इफेक्ट्स को ट्रैक करने के लिए एक मजबूत सर्विलांस सिस्टम, ‘एडवर्स इवेंट फॉलोविंग इम्यूनाइजेशन’ (AEFI), स्थापित किया गया है और राज्यों को इस संबंध में जागरूकता बढ़ाने का निर्देश दिया गया है।
इससे पहले, एस्ट्राजेनेका ने अपनी कोविड-19 वैक्सीन के खून के थक्के जमने के गंभीर साइड इफेक्ट्स की बात मानी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 14 अक्टूबर को इन याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा था कि ये केवल सनसनी फैलाने के लिए दायर की गई थीं।