क्या आपको भी लगता है कोविड का टीका लगने से बढ़ गया हार्टअटैक का खतरा ? जानिए जीबी पंत अस्पताल में डेढ़ हजार मरीज़ों पर स्टडी का रिज़ल्ट
दिल्ली के जीबी पंत अस्पताल ने 1,500 से ज्यादा मरीजों पर एक अध्ययन किया है, जिसमें कोरोना के टीका और दिल के दौरे का जोखिम बढ़ने के बीच कोई संबंध नहीं मिला है। इसमें कोविशील्ड और कोवैक्सीन दोनों ही तरह के टीके शामिल हैं। इससे पहले नई दिल्ली स्थित भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के शोधकर्ताओं ने भी एक अध्ययन में कोरोना के टीके और दिल के दौरे का जोखिम बढ़ने के बीच संबंध नहीं मिलने की पुष्टि की।
इस अध्ययन को इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईजेएमआर) में प्रकाशित किया गया है। इसी से जुड़े अभी दो और अध्ययन सामने आना बाकी हैं, जिस पर आईसीएमआर की अलग-अलग टीमें काम कर रही हैं। बहरहाल, मेडिकल जर्नल पीएलओएस वन में प्रकाशित अध्ययन बताता है कि अगस्त 2021 से अगस्त 2022 तक दिल्ली के जीबी पंत अस्पताल में भर्ती 1,578 मरीजों का चयन किया। उनके सभी चिकित्सा दस्तावेजों की जांच के बाद शोधकर्ताओं ने विश्लेषण किया।
इनमें से करीब 1086 (68.8 फीसदी) मरीजों ने कोरोना से बचने के लिए टीका लगवाया था जबकि 492 (31.2 फीसदी) ने टीका की खुराक नहीं ली थी। जिन्होंने टीका लिया उनमें 1047 (96 फीसदी) ने दोनों खुराक ली थी। जबकि 39 (4ः) लोग ऐसे भी थे जिन्होंने केवल एक ही खुराक ली। अस्पताल के वरिष्ठ डॉ. मोहित गुप्ता ने बताया कि कोरोना टीका और दिल के दौरे को लेकर कई तरह की अफवाहें हैं। लोगों का मानना है कि कोरोना का टीका लेने के बाद दिल का दौरा पड़ने के मामलों में वृद्धि हुई है। यह एकदम गलत और भ्रामक जानकारी है।
अध्ययन के अनुसार, करीब छह महीने तक विश्लेषण के बाद शोधकर्ताओं को यह भी पता चला कि टीका लेने वाले लोगों में गैर-टीकाकरण वाले लोगों की तुलना में मृत्यु दर की आशंका कम देखने को मिली। हालांकि, शोधकर्ताओं ने इसकी पुष्टि की है कि बढ़ती उम्र, मधुमेह और धूम्रपान करने वाले लोगों में टीका लेने के 30 दिन के भीतर मौत होने की दर अधिक देखने को मिली है। डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना का टीका न केवल सुरक्षित है, बल्कि अल्पावधि के साथ-साथ सभी कारणों से होने वाली मृत्यु दर में कमी भी लाता है।
डॉ. मोहित गुप्ता ने यह भी बताया कि कुछ लोगों को टीका की खुराक लेने के बाद प्रतिकूल प्रभाव हुए। इनमें किसी को दर्द तो किसी को हल्का बुखार आया, लेकिन यह बहुत लंबा असर नहीं रहा। वहीं, कुछ लोगों में टीका लेने के बाद हृदय संबंधी प्रतिकूल प्रभाव भी हुए हैं, लेकिन इनकी संख्या बेहद कम है।