सामाजिक सदभाव बिगाड़ने वालों के खिलाफ कौमी एकता मंच ने पुलिस अधीक्षक को सौंपा ज्ञापन
हल्द्वानी
विभिन्न सामाजिक राजनीतिक संगठनों से जुड़े हुए लोग संयुक्त रूप से गठित “कौमी एकता मंच” ने नैनीताल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को संबोधित ज्ञापन एसपी सिटी को सौंपा और एसपी सिटी से कमलुआगांजा से लेकर कठघरिया क्षेत्र में अल्पसंख्यक मुस्लिम दुकानदारों को दुकानें न खोलने देने और दुकान मालिकों को उन्हें घर दुकानों से बाहर करने की धमकी देकर सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने वालों के खिलाफ कार्यवाही किए जाने और पीड़ितों को सुरक्षा प्रदान करने के संबंध में वार्ता की गई। एसपी सिटी ने तत्काल कार्यवाही करने का भरोसा दिलाया।
ज्ञापन में कहा गया कि, 08 फरवरी 2024 को हल्द्वानी के वनभूलपुरा में हुई अफसोसजनक हिंसा की घटना के दिन से ही बहुसंख्यक बहुल आबादी वाले कमलुआगांजा, कठघरिया आदि क्षेत्रों में मुस्लिम दुकानदारों की दुकानों पर हमला, आगजनी, पथराव , जुलुस निकालकर आतंकित करने को कुछ लोगों द्वारा लगातार अंजाम दिया जा रहा है। अल्पसंख्यक दुकानदारों को दुकानें और घर खाली करने की धमकी के साथ साथ दुकानों के मालिकों को भी उनसे मकान/दुकान खाली न कराने पर अंजाम भुगत लेने की धमकी दी जा रही है।
8 फरवरी से लेकर अब तक कई दुकानदारों के साथ गाली गलौच, हाथापाई और दुकानों के सामान में तोड़फोड़ करने का काम किया गया है। सूचना पर पुलिस और सुरक्षा बल के जवान वहां पहुंचे तब अनहोनी को टाला जा सका। कुछ जगहों पर सुरक्षा बल के जवान अभी भी तैनात हैं। एक रुई धुनने वाली दुकान में इन तत्वों द्वारा की गई आगजनी की घटना भी संज्ञान में आई है जिसमें दुकानदार का संपूर्ण सामान जल गया। इस तरह की उन्मादी भीड़ को इकठ्ठा करने और उसका नेतृत्व कर धमकाने वाले के रूप में कमलुआगांजा निवासी विपिन पाण्डे का नाम सामने आ रहा है जो कि भारतीय जनता युवा मोर्चा का पदाधिकारी है। ऐसे व्यक्ति के खिलाफ अभी तक कोई पुलिस कार्यवाही क्यों नहीं की गई है? जबकि पिछले साल कमलुआगांजा में गौवंश के साथ अप्राकृतिक कृत्य के फर्जी मामले के उठने के बाद हुए बवाल में भी इस व्यक्ति की भूमिका रही।
इस तरह के तत्वों द्वारा जिस प्रकार हल्द्वानी शहर के माहौल को बिगाड़ने की लगातार कोशिश की जा रही है उससे सभी शांतिप्रिय लोग काफी चिंतित हैं। मुस्लिम दुकानदारों और उनके मकान मालिकों की सुरक्षा को लेकर भी समाज में गहरी चिंता है। यह कानून व्यवस्था को बिगाड़ने और न्याय व्यवस्था से खिलवाड़ करने के गैरकानूनी आपराधिक कृत्य का भी मामला है।
प्रतिनिधिमंडल ने मांग की कि,
1. कमलुआगांजा से लेकर कठघरिया क्षेत्र में अल्पसंख्यक मुस्लिम दुकानदारों को दुकानें न खोलने देने और दुकान मालिकों को उन्हें घर दुकानों से बाहर नहीं करने पर जान माल के नुकसान की धमकी देकर सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने वालों के खिलाफ सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने और अल्पसंख्यकों समेत अन्य नागरिकों को खतरे में डालने के लिए मामला दर्ज कर विपिन पाण्डे और उनके साथियों को गिरफ्तार किया जाय।
2. पुलिस प्रशासन द्वारा अल्पसंख्यक दुकानदारों और उनके मकान मालिकों को सुरक्षा प्रदान की जाय जिससे वे भयमुक्त होकर अपना काम कर सकें।
प्रोफेसर उमा भट्ट, भाकपा माले ज़िला सचिव डा कैलाश पाण्डेय, उत्तराखंड महिला मंच बसंती पाठक, उत्तराखंड सर्वोदय मंडल अध्यक्ष इस्लाम हुसैन, ऐक्टू महामंत्री के के बोरा, पछास के महेश, जनवादी लोक मंच के मनोज पाण्डे, क्रालोस के नसीम, इंकलाबी मजदूर केंद्र के रोहित, स्वतंत्र पत्रकार प्रदीप पाण्डे, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की बिंदु गुप्ता, जमाते इस्लामी के मो साजिद, रियासत अली और पीड़ित दुकानदार मुख्य रूप से शामिल रहे।