उत्तराखंड यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने वाला पहला राज्य बनेगा किया है यूनिफॉर्म सिविल कोड :जानिए

ख़बर शेयर करें -

आज़ाद क़लम देहरादून:  बीजेपी की सरकार के गठन के बाद गुरुवार को धामी मंत्रिमंडल की अहम बैठक हुई। जिसमें राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने का फैसला लिया गया। इसके लिए राज्य में एक उच्च स्तरीय समिति बनाई जाएगी। समिति इस कानून के लिए ड्राफ्ट तैयार करेगी और प्रदेश सरकार उसे लागू करेगी। सीएम धामी ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने सर्वसम्मति से समान नागरिक संहिता को मंजूरी दी है। उत्तराखंड समान नागरिक संहिता को लागू करने वाला देश का पहला राज्य होगा।

क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड:

यहां आपको यूनिफॉर्म सिविल कोड या समान नागरिक संहिता के बारे में भी बताते हैं। समान नागरिक संहिता का अर्थ है सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून। इसका मतलब ये है कि किसी भी मजहब या जाति के लिए कोई अलग कानून नहीं होगा। अभी देश में हर धर्म के लोग शादी, तलाक, जायदाद का बंटवारा और बच्चों को गोद लेने जैसे मामलों का निपटारा अपने पर्सनल लॉ के हिसाब से करते हैं, लेकिन समान नागरिक संहिता लागू हो जाने के बाद सभी धर्म एक ही कानून का अनुसरण करेंगे।

यह भी पढ़ें 👉  बड़ी खबर (उत्तराखण्ड) जली हुई कार में मिला महिला का कंकाल हत्या की आशंका, मंगलसूत्र और गाड़ी नम्बर से होगी शिनाख्त

हमारे देश में मुस्लिम, ईसाई और पारसी समुदाय का पर्सनल लॉ है। वहीं, हिंदू सिविल लॉ के तहत हिंदू, सिख, जैन और बौद्ध आते हैं। समान नागरिक संहिता को लागू करना अनुच्छेद 44 के तहत राज्य की जिम्मेदारी बताया गया है, हालांकि ये अभी तक देश में कहीं लागू नहीं हो पाया है। उत्तराखंड यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने वाला पहला राज्य बनने जा रहा है। धामी कैबिनेट की पहली बैठक के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 12 फरवरी 2022 को हमने जनता के समक्ष संकल्प लिया था कि हमारी सरकार का गठन होने पर हम यूनिफॉर्म सिविल कोड लेकर आएंगे। आज हमने तय किया है कि हम इसे जल्द ही लागू करेंगे। इसके लिए एक उच्च स्तरीय समिति बनाई जाएगी। सीएम ने दूसरे राज्यों से भी अपने यहां Uniform Civil Code लागू करने की अपील की।

Ad