पोस्टमार्टम हाउस में महिला की लाश के साथ भयानक वारदात, रोंगटे खड़े हो जाएंगे

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उत्तर प्रदेश के बदायूं जनपद में एक परिवार ने पोस्टमार्टम हाउस के डॉक्टरों और स्टाफ पर अपनी बेटी के शव से आंखें निकालने का आरोप लगाया है। कुतरई गांव की रहने वाली 20 साल की पूजा ने दहेज प्रताड़ना से परेशान होकर जान दे दी थी।

मृतका के घरवालों का आरोप है कि डॉक्टर और स्टाफ मानव अंगों की तस्करी कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एक नवविवाहित महिला ने दहेज प्रताड़ना के चलते आत्महत्या कर ली थी। महिला के शव को जिले के पोस्टमार्टम हाउस लाया गया. जहां उसके परिवारवालों ने ये आरोप लगाए। मृतका का नाम पूजा बताया जा रहा है। वो बदायूं के ही कुतरई गांव की रहने वाली है। पूजा 20 साल की थी। पास ही के गांव रसूला में उसकी शादी हुई थी।

दो दिन पहले 10 दिसंबर को दहेज प्रताड़ना से परेशान होकर, पूजा ने आत्महत्या कर ली। पूजा के शव को 11 दिसंबर को पोस्टमार्टम हाउस लाया गया। पोस्टमार्टम के बाद पूजा का शव एक काले बैग में रखकर परिजनों को लौटा दिया गया। जब उन्होंने बैग खोलकर देखा तो पता चला कि पूजा की दोनों आंखें गायब हैं।

पूजा के घरवाले इस घटना की शिकायत करने कलेक्टर मनोज कुमार के घर पहुंचे. उन्होंने यहां डॉक्टर्स और स्टाफ पर कार्रवाई होने तक शव का अंतिम संस्कार नहीं करने को लेकर प्रदर्शन किया। इसके बाद कलेक्टर ने पूजा के शव का दोबारा पोस्टमार्टम कराने का आदेश दिया है। दूसरी तरफ मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर प्रदीप वार्ष्णेय ने बताया कि कलेक्टर ने हमें वीडियोग्राफी के साथ दोबारा पोस्टमार्टम कराने और रिपोर्ट जमा करने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद ही वे इस पर सही कार्रवाई करेंगे।

वहीं कलेक्टर मनोज कुमार ने इस बारे में कहा कि पीड़िता के पिता की शिकायत पर उसका पहला पोस्टमार्टम करने वाली टीम पर मानव अंगों की तस्करी करने की धारा के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। इसके अलावा उन पर शव को अपमानित करने की धारा भी लगाई गई है। इस मामले में एक कमेटी बनाकर जांच कराई जा रही है।

बदायूं जनपद में इस तरह का ये पहला मामला नहीं है। इससे कुछ महीने पहले एक चूहे ने राजकीय मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में भर्ती एक मरीज के अंग खा लिए थे। वहीं, एक और मामले में जिला अस्पताल के पोस्टमार्टम हाउस से एक शव की आंखें गायब मिली थीं।

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