वैक्सीन के सर्टिफिकेट से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का फोटो और नाम गायब….वैक्सीन से जुड़ी दूसरी एक और बड़ी खबर यहां पढ़िये

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कोरोना वैक्सीन से जुड़ी दो बड़ी खबरें सामने आई हैं। पहली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुड़ी है और दूसरी सुप्रीम कोर्ट से। वैक्सीन के सर्टिफिकेट से नरेंद्र मोदी की तस्वीर हटा ली गई है। दूसरी तरफ कोविशील्ड वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स की जांच की मांग के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका डाली गई है। दोनों ख़बरों में कोई आपसी संबंध नहीं है सिवाय इसके कि दोनों ही का संबंध कोविड वैक्सीन से है।

कोविशील्ड वैक्सीन को बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने स्वीकार किया था कि उनकी बनाई वैक्सीन से साइड इफेक्ट हो सकता है। अब भारत में भी इस पर जांच की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट में 1 मई को एक याचिका दाखिल की गई है। इस याचिका में कोविशील्ड वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स की जांच के लिए एक्सपर्ट्स पैनल बनाने की मांग की गई है।

लाइव लॉ की एक रिपोर्ट के मुताबिक वकील विशाल तिवारी ने इस याचिका को दायर किया है। याचिका में ये भी मांग की गई है कि अगर इस वैक्सीन से किसी को नुकसान हुआ है तो उन्हें मुआवजा देने का सिस्टम बनाया जाए। कंपनी ने ब्रिटेन के कोर्ट में जो बयान दिया था। याचिकाकर्ता ने उस बयान का हवाला दिया है।

इस फॉर्मूले का लाइसेंस पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को दिया गया था और देश में 175 करोड़ से अधिक कोविशील्ड टीके लगाए गए थे। कोविड-19 महामारी के बाद से दिल का दौरा पड़ने और लोगों की अचानक होने वाली मौतों की संख्या बढ़ी है। तिवारी का कहना है कि कोविशील्ड वैक्सीन भारत सरकार के आश्वासन पर लगाए गए थे कि ये सुरक्षित है।

कोरोना वैक्सीन के सर्टिफिकेट से पीएम नरेंद्र मोदी की तस्वीर हटा ली गई है। इससे पहले सर्टिफिकेट पर च्ड मोदी की तस्वीर के साथ लिखा था-दवाई भी कड़ाई भी। एक साथ मिलकर, भारत कोविड​​-19 को हरा देगा।

ये वाक्य सर्टिफिकेट पर अब भी लिखा है लेकिन पीएम मोदी की फोटो हटा ली गई है। द हिंदू की एक रिपोर्ट के अनुसार लोकसभा चुनाव से पहले आदर्श आचार संहिता लागू होने पर पीएम मोदी की तस्वीरों को सभी सरकारी वेबसाइटों से हटा लिया गया है।

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