उफ ये बेबसी–बेघर होने का ग़म, हाथों में सामान आंखें नम…..मेट्रोपोल नैनीताल

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नैनीताल। सरोवर नगरी नैनीताल शहर का चर्चित मेट्रोपोल क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू हो गई है। दोपहर बाद आये हाईकोर्ट के फैसले के बाद 134 अतिक्रमणकारियों ने अपने घर खाली कर समान हटाना शुरू कर दिया है। करीब 100 वर्षों से अधिक समय से राजा महमूदाबाद की संपत्ति पर रह रहे लोग एक ही रात में बेघर हों गए। हाई कोर्ट का आदेश मिलते ही क्षेत्र में रह रहे सभी लोगों ने अपने अपने घरों से सामान इकट्ठा कर दूसरे स्थान पर ले जाना शुरू कर दिया। इस दौरान क्षेत्र में रह रहे लोगों की आंखों में आंसू छलक रहे।

मेट्रोपोल शत्रु सम्पति पर रह रहे छोटे बच्चों का भविष्य भी इस बीच अंधकार में चल जिस है प्रशासन की कार्वाही के बीच स्कूली बच्चो की पढ़ाई बीच मे रुक गई कई बच्चो की परीक्षा चल रही है वही क्षेत्र में रहने वाली आबिदा यह सब देख कर जिससे आबिदा काफी परेशान है। छोटी सी बच्ची आबिदा का कहना है उसके परिजन लगातार किराए का घर ढूंढ रहे हैं लेकिन उन्हें अब तक किराए का घर नहीं मिला ऐसी स्थिति में वह कहां जाएंगे।

अपर जिलाधिकारी शिवचरण द्विवेदी ने बताया शत्रु संपत्ति से अतिक्रमण हटाने को लेकर जिला प्रशासन ने 134 अतिक्रमणकरियो को पूर्व में नोटिस जारी किए थे। इसके बावजूद भी किसी ने अतिक्रमण नहीं हटाया। और लगातार प्रशासन की कारवाहि का विरोध कर रहे थे। प्रशासन ने सभी अतिक्रमणकारियों को निर्देश दिए हैं कि शनिवार सुबह 6 बजे तक अपना अतिक्रमण स्वत: हटा लें अन्यथा प्रशासन कार्रवाई करते हुए सभी घरों को ध्वस्त कर दिया जाएगा। जिला प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाए जाने की कार्रवाई के निर्देश के बाद क्षेत्रीय लोगों ने नैनीताल हाईकोर्ट की शरण लेते हुए क्षेत्र में रह रहे लोगों के घरों पर कार्रवाई ना करने और अवैध रूप से बने घरों को ध्वस्त करने के लिए समय की मांग की। जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विजय सांघी की खंडपीठ ने याचिकाकर्ताओं को कोई राहत ना देते हुए याचिका को निस्तारित कर दिया। कोर्ट के आदेश आने के बाद शत्रु संपत्ति में रह रहे लोगों को बड़ा झटका लगा और सभी लोगों ने अपने-अपने घरों से सामान खाली कर घरों को तोड़ना शुरू कर दिया है।

राजा महमूदाबाद ने बसाया था 90 परिवारों को
नैनीताल। मेट्रोपोल क्षेत्रवासियों का कहना है कि राजा महमूदाबाद ने 90 परिवारों को उनकी सम्पत्ति पर बतौर किराएदार सड़क से नीचे विस्थापित किया था। जिसके बाद केंद्र सरकार ने एनीमी एक्ट के तहत राजा महमूदाबाद की संपत्ति को शत्रु संपत्ति घोषित किया और राजा महमूदाबाद अपनी संपत्ति को छोड़कर वापस पाकिस्तान चले गए। जिसके बाद से 90 परिवार राजा के द्वारा दी गई भूमि पर रह रहे थे। लेकिन समय के साथ- साथ स्थानीय लोगों ने अपने परिजनों को रामपुर, मुरादाबाद, टांडा, दढ़ियाल समेत आसपास के क्षेत्रों से नैनीताल बुला लिया। जिसके बाद क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण की बाढ़ सी आ गई।

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